बिहार विधान परिषद चुनाव में पहली बार सीपीआई (एमएल) अपना उम्मीदवार उतारेगी. महागठबंधन में इस पर सहमति बनने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बुधवार को इसकी घोषणा की. उन्होंने बताया कि स्कीम वर्कर नेता शशि यादव को विधान परिषद के लिए मनोनीत किया गया है. वह महागठबंधन की संयुक्त उम्मीदवार होंगी.
शशि यादव स्कीम वर्कर फेडरेशन के महासचिव हैं. वह ऐपवा (अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में शशि यादव को महागठबंधन ने दीघा से उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में शशि बीजेपी के संजीव चौरसिया से हार गईं. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, उस चुनाव में शशि को 29.98 फीसदी वोट मिले थे.
विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से सीपीआई (एमएल) के पास 11 वोट हैं और सीपीआई और सीपीएम के चार विधायकों को मिलाकर कुल पंद्रह वोट हैं. एक सीट जीतने के लिए कम से कम 21 विधायकों के वोटों की जरूरत होगी. राजद के समर्थन से सीपीआई (एमएल) एक सीट जीतेगी. अगर राजद तीन सीटों से संतुष्ट है तो कांग्रेस को भी एक सीट मिलेगी.
विधानसभा में संख्या बल के मुताबिक फिलहाल महागठबंधन के घटक दल राजद के 74, कांग्रेस के 17, सीपीआई (एमएल) के 11 और सीपीआई और सीपीएम के चार-चार समेत कुल 106 विधायक हैं. महागठबंधन की पांच सीटों पर जीत के लिए 105 विधायकों के वोट की जरूरत होगी.