बिहार की राजनीति के दो दिग्गज नेता, लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार, गुरुवार को विधानसभा में आमने-सामने हुए। यह मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सत्ता परिवर्तन और नीतीश कुमार के NDA में फिर से शामिल होने के बाद पहली बार हुई थी।
दरअसल, लालू प्रसाद अपनी पत्नी राबड़ी देवी के साथ राज्यसभा चुनाव के लिए राजद उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया में पहुंचे थे। वहीं, नीतीश कुमार सदन की कार्यवाही में भाग लेने के बाद वापस लौट रहे थे। दोनों नेताओं की मुलाकात प्रवेश द्वार पर हुई। इस दौरान नीतीश कुमार ने पहले मुस्कुराते हुए लालू प्रसाद का अभिवादन किया। दोनों नेताओं ने करीब 10 सेकंड तक एक-दूसरे से बातचीत की। नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी का भी हाथ जोड़कर अभिवादन किया।
कहा जाता है न कि सियासत में न तो कोई दोस्त होता है और ना ही दुश्मन, बस संभावनाओं का खेल होता है। नीतीश कुमार का पाला बदलना इसका एक ज्वलंत उदाहरण है। जैसे 2020 में, नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़कर लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होने का फैसला किया। इसके बाद 2022 में, उन्होंने फिर से पाला बदल लिया और भाजपा के साथ गठबंधन बनाकर बिहार की सत्ता में वापसी की।
लालू-नीतीश दोनों नेताओं की अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाएं हैं। लालू प्रसाद अपने बेटे तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. वहीं, नीतीश कुमार को लेकर कहा जाता है कि वो 2024 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने की इच्छा रखते हैं। इन महत्वकांक्षाओं के कारण दोनों नेताओं के बीच मतभेद पैदा हुए और गठबंधन टूट गया।
नीतीश कुमार का पाला बदलना और लालू-नीतीश गठबंधन का टूटना बिहार की सियासत में एक महत्वपूर्ण घटना है। यह घटना 2024 के लोकसभा चुनावों पर भी अपना प्रभाव डालेगी।