बिहार सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक का दर्जा देने का निर्णय शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत है। हालांकि इस दर्जा को प्राप्त करने के लिए शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
परीक्षा में असफल होने पर भी नौकरी खतरे में नहीं:
इस बीच, कुछ शिक्षकों की चिंता थी कि यदि वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं तो उनकी नौकरी चली जाएगी। लेकिन, सरकार ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा में असफल होने पर भी शिक्षकों की नौकरी नहीं जाएगी। वे निकाय के शिक्षक के रूप में कार्यरत रहेंगे।
हाईकोर्ट में दायर याचिका और सरकार का जवाब:
इस मामले को लेकर समरेंद्र कुमार सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने शपथ-पत्र दायर करते हुए कहा है कि सक्षमता परीक्षा में असफल या अनुपस्थित रहने पर भी शिक्षकों की नौकरी नहीं जाएगी। वे निकाय के शिक्षक के रूप में कार्यरत रहेंगे। विशिष्ट शिक्षक का दर्जा प्राप्त करने के लिए सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है। परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले शिक्षक एकल कैडर में विलय हो जाएंगे। उन्हें बीपीएससी शिक्षकों के समान वेतन और लाभ मिलेंगे।
शिक्षकों की चिंता दूर:
इस स्पष्टीकरण के बाद, नियोजित शिक्षकों की चिंताएं दूर हो गई हैं। पहले, एसीएस केके पाठक की अध्यक्षता वाली कमेटी की अनुशंसा के अनुसार, पांच बार परीक्षा में असफल या अनुपस्थित रहने पर शिक्षकों की नौकरी जाने की संभावना थी। लेकिन, सरकार के स्पष्टीकरण ने शिक्षकों को राहत प्रदान की है।