बिहार की राजनीति में पाला बदलने का खेल लगातार जारी है. शुक्रवार को विधानसभा में एक बार फिर राजद को बड़ा झटका लगा. राजद के भभुआ विधायक भरत बिंद पाला बदलते हुए सत्ता पक्ष की ओर चले गये. पिछले 15 दिनों में राजद के पांच विधायकों ने पाला बदल लिया है. इससे पहले चार और राजद विधायक सत्ता पक्ष का दामन थाम चुके थे, जबकि कांग्रेस के दो विधायकों ने भी अपनी पार्टी का साथ छोड़ भाजपा के पाले में जा चुके हैं. बजट सत्र के अंतिम प्रथम पाली से ही महागठबंधन के विधायकों का सत्ता पक्ष में आने का कयास लगाया जा रहा था.
शुक्रवार को विधानसभा में बजट सत्र का अंतिम दिन था. दोपहर के बाद विधानसभा के अंदर सदन में गैर सरकारी संकल्प लिये जा रहे थे. इसी बीच राजद के भभुआ विधायक भरत बिंद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और पूर्व मंत्री मुरारी गौतम के साथ सदन में पहुंचे और सत्ता पक्ष की बेंच पर जाकर बैठ गये. सदन में मौजूद सदस्य कुछ समझ पाते, इसके पहले ही पास में बैठे विधायक नितिन नवीन ने इशारा कर यह बताने का प्रयास किया कि राजद के और एक विधायक ने एनडीए का दामन थाम लिया है. हालांकि, भरत बिंद कुछ ही देर बाद विधानसभा के अंदर सम्राट चौधरी के कमरे में आकर बैठ गये. राजद में यह पांचवीं टूट है. उसके पहले राजद के चार विधायक प्रह्लाद यादव, चेतन आनंद, नीलम देवी, और संगीता देवी ने ऐसा ही किया था. इधर, कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ सौरभ और मुरारी गौतम भी इसी सत्र के दौरान विधानसभा में सत्ता पक्ष की ओर हो लिये थे.
भभुआ विधायक भरत बिंद ने कहा कि वह स्वेच्छा से भाजपा के साथ आये है. यह उनकी अपनी इच्छा है. इसमें किसी का कोई दबाव नहीं है. उन्होंने कहा कि सब स्वतंत्र हैं, जो जहां चाहे अपनी इच्छा से जा सकता है. राजद छोड़ कर भाजपा की ओर जाने के पीछे किसी से कोई नाराजगी नहीं है. नरेंद्र मोदी के काम काज और उनके व्यक्तित्व से प्रभावित होकर ही भाजपा के साथ आये हैं.
जानिए कौन हैं भरत बिंद
भरत बिंद ने भभुआ विधानसभा सीट से राजद के टिकट पर चुनाव जीता था. वै कैमूर के चांद थाना क्षेत्र के सिलौटा गांव के रहने वाले हैं. भरत 2012 से 2020 तक बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे. 2010 में उन्होंने जिला परिषद का चुनाव जीता था. 2015 में बसपा के टिकट पर बसपा से चुनाव लड़े, लेकिन हार गये. 2020 में राजद में आये.